अमेरिका में वामपंथियों के गाल पर कस के पड़ा थप्पड़, षड़यंत्र की खुली पोल
अमेरिका
की धरती पर निर्माण हो रहे विश्व के सबसे बड़े हिन्दू मंदिर (स्वामीनारायण अक्षरधाम
मंदिर, न्यू जर्सी) के निर्माण कार्य में बाधा दाल रहे/विघ्न उत्पन्न कर रहे
वामपंथी लोग और मिडिया के गालो पर कस के तमाचा तब लगा जन उसकी पोल पूरी दुनिया के
सामने खुल गई।
गुजरात का एक पूर्व IPS अधिकारी और अमेरिका की एक वामपंथी एडवोकेट के द्वारा मंदिर
के लिए पत्थर निर्माण कार्य कर रहे मजदूरो को डरा धमका कर और अच्छे खासे पैसो की
लालच देकर हिन्दू मंदिर के विरुद्ध जूठा केस करवा कर पूरा षड़यंत्र रचा गया था। जिसमे
गुजरात का एक पूर्व आईपीएस अधिकारी और अमेरिकन वामपंथी एडवोकेट को अमेरिकन कोर्ट और
मंदिर निर्माण कार्य कर रहे कारीगरों ने कस के तमाचा लगाया है।
आइये जानते है की क्या है पूरी घटना:
वास्तव में दरअसल बात यह है की भारत से सात समंदर पार इसाई
बहुल देश अमेरिका में निर्माण ले रहे विश्व के सबसे बड़े हिन्दू मंदिर अक्षरधाम का
निर्माण कार्य BAPS स्वामीनारायण संस्था की निगरानी और देखरेख में हो रहा है। यह वही BAPS संस्था है जिसने रशिया-युक्रेन युद्ध में
भारतीय छात्रो को अपने वतन तक पहोचने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था और
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने भी उनका आभार व्यक्त किया था। जिस तरह रामायण काल के समय शुभ कार्यो के लिए रिशिमुनी
द्वारा हो रहे यज्ञ में दानवो द्वारा हड्डी डाल कर व्यर्थ परेशानी कड़ी की जाती थी
वैसा ही काम यह मंदिर निर्माण कार्य को रोकने के लिए गुजरात का पूर्व आईपीएस
अमेरिका गया और वहा की वामपंथी एडवोकेट स्वाति सावंत के साथ मिलकर पूरी साजिश को
तैयार किया गया था।
सोशियल
मिडिया के द्वारा अपनी अच्छी और साफ़ सूत्री इमेज तैयार करने वाले इस आईपीएस अफसर
ने इस वामपंथी महिला एडवोकेट को आगे करके अक्षरधाम मंदिर के लिए निर्माण कार्य कर
रहे भारतीय कारीगरों ना सिर्फ भड़काया पर मंदिर के विरुद्ध जूठा
केस भी करवाया की BAPS संस्था द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है। इस जूठे केस के बाद से ही भारत विरोधी वामपंथी गैंग द्वारा
जूठे न्यूज़ को चला कर BAPS संस्था को बदनाम करने की पूरी साजिश को अंजाम दिया जा
रहा था।
लेकिन
FBI की कस्टडी में रहे सरे मजदूरो ने हिम्मत उठा के किसी से बिना डरे और अमेरिका
की सिटिजनशिप की जूठी लालच को छोड़ के भारत के भारतीय पत्थर निर्माण मजदुर संघ का
संपर्क किया और उनको इस पूरी साजिश में बारे में बताया और उन्होंने राजस्थान
हाईकोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट आदित्य सोनी जी का समपार किया और उनको पुरे घटनाक्रम
के बारे में विस्तार से बताया और कारीगरों ने खुद को इस आईपीएस अधिकारी और वामपंथी
एडवोकेट स्वाति सावंत के चंगुल से खुद को बहार निकलने के लिए विनंती की।
BAPS संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी
ऐसी
दुनिया में जहां विविध संस्कृतियां और मान्यताएं आपस में जुड़ी हुई हैं, बीएपीएस
स्वामीनारायण संगठन आध्यात्मिकता, सेवा और सामाजिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में खड़ा है। भारत
की समृद्ध विरासत में निहित इस वैश्विक संगठन ने अपनी गहन शिक्षाओं, प्रेरक वास्तुकला
और व्यापक परोपकारी प्रयासों के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया
है। इस ब्लॉग में, हम बीएपीएस स्वामीनारायण संगठन के अनूठे पहलुओं पर प्रकाश
डालेंगे, इसके इतिहास, दर्शन, सामाजिक पहल और वास्तुशिल्प चमत्कारों की खोज करेंगे।
इतिहास और दर्शन:
बीएपीएस
स्वामीनारायण संगठन की उत्पत्ति 19वीं सदी की शुरुआत में गुजरात, भारत में हुई, जहां इसकी
स्थापना भगवान स्वामीनारायण के आध्यात्मिक वारसदार शास्त्री यज्ञपुरुषदास जी ने की
थी। स्वामीनारायण, जिन्हें उनके अनुयायी भगवान का अवतार मानते हैं, ने धर्म
(धार्मिकता), भक्ति और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों का प्रचार किया। उनकी
शिक्षाओं ने आंतरिक शांति प्राप्त करने और मानवता को ऊपर उठाने के साधन के रूप में
आध्यात्मिकता की खोज पर जोर दिया।
BAPS (बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) के नाम
से जाना जाने वाला संगठन आज भी स्वामीनारायण की शिक्षाओं को कायम रखता है और उनका
प्रचार करता है। यह परम पावन प्रमुख स्वामी महाराज (1921-2016) और
वर्तमान में परम पावन महंत स्वामी महाराज द्वारा निर्देशित है। संगठन का दर्शन
किसी के जीवन के हर पहलू में आध्यात्मिकता और नैतिकता के एकीकरण को बढ़ावा देता है, व्यक्तिगत
विकास और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है।
आध्यात्मिक अभ्यास और अनुष्ठान:
बीएपीएस
स्वामीनारायण संगठन की आध्यात्मिक प्रथाओं का केंद्र नियमित सत्संग सभाएं हैं। ये
सभाएँ व्यक्तियों को सामूहिक रूप से प्रार्थना, ध्यान और धर्मग्रंथों के अध्ययन में संलग्न होने के लिए एक
साथ लाती हैं। सत्संग आध्यात्मिक पोषण के स्रोत के रूप में कार्य करता है, करुणा, विनम्रता और
आत्म-अनुशासन जैसे गुणों को बढ़ावा देता है।
संगठन
नैतिक मूल्यों के पालन पर भी बहुत जोर देता है और भक्तों के आध्यात्मिक संबंध को
गहरा करने के लिए विभिन्न अनुष्ठानों और समारोहों का आयोजन करता है। दिवाली, होली और
जन्माष्टमी जैसे त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं, जिससे समुदाय
और साझा भक्ति की भावना को बढ़ावा मिलता है।
वास्तुशिल्प चमत्कार:
बीएपीएस
स्वामीनारायण संगठन के सबसे आकर्षक पहलुओं में से एक इसका विस्मयकारी वास्तुशिल्प
चमत्कार है। यह संगठन अपने शानदार मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जो उत्कृष्ट शिल्प
कौशल और विस्तार पर ध्यान प्रदर्शित करते हैं।
दिल्ली, गांधीनगर और
रॉबिंसविले (यूएसए) में अक्षरधाम मंदिर BAPS की वास्तुकला प्रतिभा के प्रमुख उदाहरण हैं। ये मंदिर न
केवल पूजा स्थल हैं, बल्कि सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र के रूप में भी काम करते
हैं, जो
आगंतुकों को समृद्ध भारतीय विरासत, कला और आध्यात्मिकता की अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। जटिल
नक्काशीदार पत्थर के अग्रभाग, राजसी गुंबद और विशाल बगीचे शांति और श्रद्धा का माहौल
बनाते हैं।
परोपकारी पहल:
समाज
की सेवा के लिए बीएपीएस स्वामीनारायण संगठन की प्रतिबद्धता इसके दर्शन की आधारशिला
है। परोपकारी पहलों की एक श्रृंखला के माध्यम से, यह दुनिया भर में समुदायों के सामने आने वाली सामाजिक
चुनौतियों का समाधान करता है।
संगठन
सक्रिय रूप से स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आपदा राहत प्रयासों में संलग्न है।
इसने वंचित आबादी को सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए अस्पतालों, क्लीनिकों और
चिकित्सा शिविरों की स्थापना की है। इसके अतिरिक्त,
BAPS युवा दिमागों
को पोषित करने और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों और कॉलेजों सहित शैक्षणिक
संस्थान चलाता है।
सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना:
बीएपीएस
स्वामीनारायण संगठन विविधता के बीच सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने में
दृढ़ता से विश्वास करता है। यह सक्रिय रूप से अंतरधार्मिक संवाद को प्रोत्साहित
करता है, शांति सम्मेलन आयोजित करता है, और विभिन्न
परंपराओं और मान्यताओं का जश्न मनाने और उनकी सराहना करने के लिए सांस्कृतिक
कार्यक्रमों की मेजबानी करता है।
इसके अलावा, संगठन विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने, युवाओं का पोषण करने और वरिष्ठ नागरिकों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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